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Proud Moment: दोस्तों पढाई आज के समय में सबसे बड़ा कमाने का साधन हो गया है. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब शिक्षा फ्री में गुरुओं के द्वारा दिया जाता था. दोस्तों आज भी हमारे समाज में कुछ ऐसे शिक्षक है जो शिक्षा के पैसा नहीं देखते है और निस्वार्थ भाव से बच्चे को पढाते है.

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Proud Moment teacher: जी हाँ दोस्तों हम जिस शिक्षक के बारे में बात कर रहे है वो पश्चिम बंगाल की रहने वाली है उनका नाम स्वप्ना घोष रॉय दास है. उनके अन्दर बच्चे को पढ़ाने को लेकर काफी जूनून है. दोस्तों आप आम तौर पर देखते होंगे अगर कोई शिक्षक रिटायर हो गए तो वो आराम से घर पर बैठते है या कोई अपना बिजनस करते है.

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लेकिन दोस्तों उन सभी शिक्षकों से बिलकुल अलग है स्वप्ना घोष रॉय दास क्यूंकि जब ये रिटायर हुए तो ये घर पर बैठने के बजाय कोई अपना बिजनस करने के बजाय लगातार 8 सालों तक वैसे ही पहले की तरह स्कूल जाती रही वह भी फ्री में बच्चो को पढाती रही.

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Proud Moment with teamchar in pashchin bengal: आपको बता दूँ की स्वप्ना घोष रॉय दास हाई स्कूल की शिक्षिका है उन्होंने साल 1989 में शिक्षक के पद पर पहली बार एक टीचर के तौर पर अपने करियर का शुरुआत की थी. वहीँ साल 2015 में 28 फरवरी को अपने पद से रिटायर हो गई थी. लेकिन वो उसके बाद भी बच्चे को फ्री में पढाने स्कूल जाती रही.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...